उनका काम हत्या करने का आदेश देना है और वह अपना काम कर रहे हैं।
2.
ईश्वर का आदेश और उसका नाम आने के बाद यह काम हत्या नहीं बल्कि इबादत बन जाता है।
3.
यह काम हत्या के बाद ही किया गया होगा और ऐसे किसी भी काम के लिए डॉक्टर राजेश या नूपुर कभी भी कृष्णा को हुकुम दे सकते थे और यदि उसे बली का बकरा बनाना उद्देश्य हो तो इस बीच एक महीने के अंतराल में किसी भी बहाने घर के किसी भी कोने में उंगलियों के निशान मिल जाने का कारण पैदा करना, ऐसे शातिर दिमाग़ अपराधी के लिए क्या मुश्किल है, जो अभी तक देश की सबसे बड़ी ख़ुफिया एजेंसी की निगाहों से छुपा हुआ है।